गुरु चांडाल दोष

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गुरु चांडाल दोष हो तो व्यक्ति का धन व्यर्थ के कार्यों पर खर्च होता. इस योग के प्रभाव से व्यक्ति के मान-सम्मान में गिरावट आती है. इस अशुभ योग से जातक को व्यापार और नौकरी में भारी नुकसान उठाना पड़ता है. गुरु चांडाल योग में अगर राहु का पक्ष बलवान हो तो व्यक्ति गलत संगत में पड़ जाता है , गुरु चांडाल योग नाम ही सुनकर ऐसा लगता है कि यह कोई खतरनाक चीज है। दरअसल ज्योतिष शास्त्र में कई अशुभ योगों की चर्चा की गई है उनमें यह भी एक अशुभ योग है जो गुरु के अशुभ प्रभाव में होने पर किसी व्यक्ति की कुंडली में बनता है। अपने नाम के अनुसार यह योग लोगों को कष्ट देने वाला है। इस योग के कारण जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों को कठिनाई आती है। देखिए यह अशुभ गुरु चांडाल योग कैसा बनता है, कैसा है इस योग का प्रभाव ।

सप्तम भाव में इस योग की युति से जातक को वैवाहिक जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। पार्टनरशिप में धोखा मिल सकता है। इसलिए अगर कुंडली में सप्तम भाव में यह योग बन रहा हो तो पार्टनरशिप में काम न करें या करें भी तो बहुत सतर्क रहें। कुंडली के दशम भाव (कर्म भाव) में गुरु चांडाल योग बन रहा हो तो जातक को नौकरी और व्यापार में कठिन परिश्रम करना पड़ता है और उसे अपने व्यापार को बार-बार बदलना पड़ता है, नौकरी भी स्थायी नहीं रह पाती है। एकादश भाव में यह दोष होने से जातक की आमदनी कम होती है और खर्चा ज्यादा होता है. साथ ही कई बार उसे अपनी आय के साधनों को बदलना पड़ता है।

गुरु चांडाल योग कुंडली में, आजमाएं ये उपाय

1- माथे पर नित्य केसर, हल्दी का तिलक लगाएं।
2- गुरुवार को पीले वस्त्र पहनकर पीली वस्तुओं का दान करें।
3- माता- पिता और गुरुजनों का सम्मान करें।
4- प्रत्येक मंगलवार को हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ कीजिए।
5- राहु ग्रह के मंत्र ‘ओम रां राहवे नमः’ का जप करें।
6- बहते हुए जल में सात बुधवार सूखा नारियल प्रवाहित करें।
7- राहु संबंधित वस्तुओं का दान करें।